हडिंबा देवी मंदिर

मनाली का हडिंबा देवी मंदिर: इतिहास, आस्था और अनोखी वास्तुकला

हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध हिल स्टेशन मनाली में स्थित, हडिंबा देवी मंदिर एक प्राचीन गुफा मंदिर है जो देवदार के घने जंगलों के बीच बसा हुआ है। यह मंदिर महाभारत की पात्रा और पांडव भीम की पत्नी हिडिंबा देवी को समर्पित है। लगभग 1553 ईस्वी में निर्मित, यह मंदिर अपनी अनोखी वास्तुकला, धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक विरासत के लिए देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करता है।

हडिंबा मंदिर

हडिंबा मंदिर का इतिहास

महाभारत काल की कथाओं के अनुसार, जब पांडव लाक्षागृह से बचकर इस क्षेत्र में पहुँचे, तब भीम का परिचय हिडिंबा से हुआ। हिडिंबा एक राक्षसी कुल से थीं, परंतु अत्यंत धर्मपरायण और तपस्विनी थीं। विवाह के लिए हिडिंबा के भाई हिडिंब को हराना ज़रूरी था। भीम ने उसे पराजित किया और बाद में हिडिंबा से विवाह किया।

भीम ने एक वर्ष तक यहाँ रहकर हिडिंबा के साथ जीवन बिताया, और उनके पुत्र घटोत्कच का जन्म भी यहीं हुआ। घटोत्कच आगे चलकर महाभारत युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

आज इस मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है, बल्कि केवल हिडिंबा देवी के चरण चिह्न हैं जिन्हें भक्तगण श्रद्धा से पूजते हैं।


हडिंबा मंदिर की वास्तुकला

हडिंबा मंदिर अपनी अनोखी काठ-शैली वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।

  • मंदिर की नींव सफेद पत्थरों से बनी है।
  • तीन छतें लकड़ी की टाइलों से ढकी हैं और चौथी छत पीतल की शंकु जैसी है।
  • प्रवेश द्वार लकड़ी का बना है जिस पर पौराणिक चित्रों की खूबसूरत नक्काशी की गई है।
  • चारों ओर फैले देवदार के वृक्ष, मंदिर को एक रहस्यमयी और शांत वातावरण प्रदान करते हैं।

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धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

हिडिंबा देवी को स्थानीय देवी के रूप में पूजा जाता है और उन्हें ‘मनाली माता’ भी कहा जाता है। कहा जाता है कि हिडिंबा इसी गुफा में तपस्या करती थीं। उनकी मानवता, शक्ति और भक्ति को श्रद्धांजलि देने के लिए यह मंदिर समर्पित है।

यहाँ साल भर नवरात्रि और दशहरा जैसे पर्वों को विशेष भक्ति भाव से मनाया जाता है। उस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और पर्यटक मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।


प्रमुख मेले और उत्सव

  1. बहादुर सिंह रे जातरा मेला:
    • श्रावण महीने में आयोजित होता है।
    • यह मेला राजा बहादुर सिंह की स्मृति में मनाया जाता है, जिन्होंने इस मंदिर का निर्माण करवाया था।
  2. हडिंबा देवी जयंती (14 मई):
    • इस दिन संगीत, नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
    • स्थानीय लोग पारंपरिक वेशभूषा में देवी की पूजा करते हैं और उत्सव का आनंद लेते हैं।

हडिंबा मंदिर से मॉल रोड, मनाली की दूरी

अगर आप धार्मिक स्थल के बाद शॉपिंग और स्थानीय खान-पान का आनंद लेना चाहते हैं, तो मॉल रोड, मनाली अवश्य जाएं।

  • हडिंबा मंदिर से दूरी: लगभग 2.5 किमी
  • यात्रा समय: करीब 10-12 मिनट
  • मॉल रोड में कपड़े, हस्तशिल्प, लोकल फूड और कैफे की भरमार है। यह स्थल भी हिमाचल की संस्कृति से परिचित होने का बढ़िया अवसर प्रदान करता है।

हडिंबा देवी मंदिर, केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि इतिहास, कला और संस्कृति का संगम है। मनाली की यात्रा के दौरान इस मंदिर की भव्यता, उसकी शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा हर पर्यटक को एक अनूठा अनुभव प्रदान करती है।

यदि आप हिमाचल की धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक सुंदरता को करीब से महसूस करना चाहते हैं, तो हडिंबा मंदिर आपकी यात्रा सूची में अवश्य होना चाहिए।


  • मंदिर जाने का सर्वोत्तम समय: मार्च से जून और सितंबर से नवंबर
  • मंदिर समय: प्रातः 8:00 बजे से सायं 6:00 बजे तक
  • नजदीकी रेलवे स्टेशन: जोगिंदर नगर
  • नजदीकी हवाई अड्डा: भुंतर एयरपोर्ट (Kullu-Manali Airport)

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